breakup sad story in hindi 2022

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breakup sad story in hindiकर्मयोग” की यह छोटी सी कहानी आपका दिल दहला देगी,
लेकिन आपको यह भी सिखाती है कि भाग्य को हल्के में न लें।breakup sad story in hindi 

दुनिया में हम ऐ वो तो जीना ही मिलेगा..
जीवन हे आगर जहर तो पिना ही पडेगा..
गिर गिर के मिसीबत में सम्भलते ही रहेंगे..
पानी जाएगा लेकिन आग चलेगी।
गम जिसको दिए हे वही गम हटा देगा..

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रेडियो पर भारत माता का गीत सुनकर आंखें नम हो गईं…
बचपन की सहेली लखमी की जीवन यात्रा मेरी आंखों के सामने आ गई..
यह गीत और लखमी की जिंदगी कितनी मिलती-जुलती है…

हमारा गांव ढोलका से 20 किमी दूर है..breakup sad story in hindi 
मैं चाहता हूं कि मेरे सभी भाईचारे में लखमी के साथ अच्छा हो..
गांव का स्कूल केवल चार तक.. हम एक साथ पढ़ते थे..
फिर लखमी या मेरे घर की स्थिति ऐसी नहीं है कि हमें सोचना चाहिए आगे की पढ़ाई..
और मुझमें बापू खेतिहर मजदूर हैं, सुबह काम पर जाते हैं और शाम को आते हैं…
हम दिन भर साथ खेलते हैं..हम कपड़े धोने झील पर जाते हैं.. साथ में मंदिर की आरती..
लखमी ना में हम पन्द्रह नहीं होंगे और बापू बे टीबी से भरे हुए हैं.
उनके चाचा उन्हें अपने घर के बगल के गांव में ले गए. मुझे लखमी की बहुत याद आती है..

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उसके बाद हम जन्माष्टमी मेले में मिले.. हम कई बार मिले.. हम मिले और बहुत रोए।
सुख-दुःख की बात करने का समय ही कहां गया। शाम हो चुकी थी और हमारे जाने का समय हो गया था।
आंखों में आंसू लेकर.. हम फिर कब मिलेंगे की अनिश्चितता के साथ अलग हो गए…
फिर पता चला कि उसकी मां उसे बहुत दर्द दे रही है.. उसे खाने के लिए पर्याप्त नहीं दे रही है..
लखमी काई मुझे मत कहना.. मैं उदास रहता था..
मैं मजदूरी करता था लेकिन परिवार का सहारा होता तो बाकी सब कुछ मिल जाता…

लखमी देखे हुए कई महीने हो गए हैं.. कभी-कभी मुझे खबर मिलती है।
वह और भी दुखी हुआ… और खबर मिली कि ममी ने उसकी बहन के प्रेमी से उसकी शादी कर दी है..
लखमी का दूल्हा बिजावर उससे तेरह साल बड़ा था, लेकिन सब कुछ हो गया..
उसने भगवान से प्रार्थना की कि लखमी ठीक हो जाए। वैसे …
लखमी को देखने की बड़ी इच्छा थी। पर ये मुमकिन नहीं था..breakup sad story in hindi 

मुझे खबर मिली कि मेरी माँ का आहार मेरे ससुर से कम था..
मेरे ससुर को अतिरिक्त खाना खाना पड़ा। पर मैं लाचार थी..
मेरी शादी हो गई.. और मैं अहमदाबाद में अपने ससुर के पास आ गया..
अब मुझे लखमी की खबर भी नहीं आती.. लेकिन मेरा दिल फटा हुआ है।
लखमी की याद आती तो आंखें नम हो जाती..
दीवाली पर जब पियरे गए तो लखमी की खबर मिली.

मैं उससे भी नहीं मिल पाया.. मैं भी अपने परिवार में पड़ गया..
दिवाली के तीसरे साल मैं पियरे गया
और खबर मिली कि लखमी के दूल्हे का कलेजा खराब हो गया और मैं मर गया.. लखमी विधवा हो गई। ..
मैं अपनी मौसी के घर वापस आ गया हूं..
मैंने लखमी से मिलने का फैसला किया
और उसके गांव चला गया…breakup sad story in hindi 
जब वह लखमी से मिली और मुझे देखा तो उसकी आंखों से आंसू छलक पड़े।

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ममी की कठोर आँखें, व्यवहार और व्यवहार बता रहे थे कि लखमी की क्या हालत होगी।।
मामी तैयार नहीं हैं.. ऐसी नौकरानी कहां से लाएं..

मेरे पति के साथ मिल में काम करने वाली नाथूजी की पत्नी का कुछ समय पहले निधन हो गया।
नई खोज रहे हैं.. नाथूजी ने एक स्व-स्वामित्व वाली चाली खोली है। खडेपीधे कहते हैं खुश,
उमर लखमी से दस साल बड़े हैं,
बीड़ी-तंबाकू की लत राजपत में भी कभी-कभी सच होती है।breakup sad story in hindi 

क्या ममी विश्वास करेगी? वो ख्याल पहले आया..
लेकिन मम्मा से इजाज़त लेकर लखमी को यहाँ लाये तो सब कुछ हो सकता है…
पति से बात करके वो मान गए.. नाथूजी से बात करने के बाद उन्हें “घेर सत्य गंगा” जैसी खुशी महसूस हुई। .
लागत वहन करने के लिए तैयार रहें।breakup sad story in hindi 
और भाभी मुझे बताओ कि मैं तुम्हारी पसंद की दुल्हन में क्या नहीं देखना चाहता।

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मैं अपने पति के साथ पियरे गया और अपने पिता के साथ लक्ष्मी के घर गया..माँ से मुलाकात की..
लक्ष्मी से अकेले में मुलाकात की और बात की.. समझाया..उसे मुझ पर पूरा विश्वास था…
वह तैयार थी। अब मम्मा ने बात की। मामा भानी का हाल तो जानती थीं लेकिन लाचार थीं..
वह मुझे जानती थीं. वह हमारी दुर्दशा से अवगत थे और उन्हें अनुमति दी..breakup sad story in hindi 

ममी मम्मा की लड़ाई के बीच हम लखमी को साथ ले आए.. वह नरक से भाग गई..
आशा और अरमान के साथ अहमदाबाद आई.. आर्य समाज में नाथूजी के साथ उसकी शादी की..
उसने एक नया जीवन शुरू किया.. सुख और शांति क्या है होय ने अनुभव किया..
वह एक बेटे की माँ बन गई अमित..
अमित अभी तीन साल का था और नाथूजी भोजन से आ रहे दुर्घटना का शिकार हो गए और लखमी फिर से विधवा हो गई।

उदासी और आँसुओं ने लखमी का पीछा नहीं किया..breakup sad story in hindi 
लखमी, जो खखरा बुनने वाले गृह उद्योग के रूप में काम करती थी, को समय या अपनी किस्मत से कोई शिकायत नहीं थी..
उसने अपने बेटे को पालने और सिखाने के लिए श्रम किया.. समय का पहिया घूमता रहता है।
लखमी की मेहनत जारी है.. अमित पढ़ाई में अच्छा है..
अमित कॉलेज आया था। अहमदाबाद के कममी धमाल के माहौल में एक दिन अमित घर नहीं आता..
लखमी आंखों में आंसू लेकर मेरे पास आती है. हमने पुलिस में भी शिकायत दर्ज कराई…
तीसरे दिन हमें सिविल में उसका शव मिला..breakup sad story in hindi 

लखमी मारी बेनपानी आज भी खामोश है…अकेली रह रही है। वो ज़िन्दगी अब गिर गई है..
खाखरा बुनने का काम करती है..उसे ज़िंदगी से कोई दिक्कत नहीं..
वह अपनी किस्मत को दोष नहीं देती.. हाँ, उसके चेहरे पर मुस्कान नहीं है…
लेकिन अब नहीं हैं आंसू भी..

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