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क्या आपको चित्त की चिंता है?
कृष्ण को वही करने दो जो वो करना चाहते हैं..
अचल चल जड़ चेतना में माया की शक्ति है;
श्रीकृष्ण चंद्र को याद करें, जन्म-मरण का भय हरे.. कृष्ण को!
नौ महीने तक पशु श्रीकृष्ण गर्भ में ध्यान करते हैं;
माया से आच्छादित होने पर लाख चोराशी फारे.. कृष्ण को
आप दूरी की चिंता करते हैं, तो क्या बात है?
धनी के कल्पित इरादे, हर ब्रह्माति नौ फेरे.. कृष्ण को
उसके हाथ में डोरी है, जो सीढि़यों से भरी हुई है;
एक जंत्री की तरह, एक जंत्री एक जंत्री की तरह लगती है .. कृष्ण को
जो काम करने हैं उन्हें करने दो;hindi kavita 2022
जो चीज चली गई वो चली जाएगी, श्याम गज कोलो गले.. कृष्ण को
वह जितना ख़र्च करे, उस पर कर लगे;
कोई नहीं बदलेगा इसे, शिद कुंताई तुम मरो.. कृष्ण को
तेरी मर्जी हो तो सुख पर दुख की जीत होगी;
हमारा अज्ञान कृष्ण का मूल विचार है
होने के लिए असंबद्ध, उपनिषद गेरू;
राधावर पर भरोसा, दया के लिए शीद का डर… कृष्ण:
हरि, मैं आपके
करुणासिंधु ग्रहों का सेवक हूं।hindi kavita 2022
संकड़ा की सहेली शामलिया, छो बगद्याना बेली,
शरण पड़ी खल अमित कुकरमी, तड़पि न मुका थेली..
निज जन जत्था जाति लज्जा, खाछो श्रीरांचोड़,
सफल शून्य-भक्ति, गरीब वरद बल संहिता ..
सुंदरवर, जब लोग खो जाते हैं,hindi kavita 2022
अयोग्य, धर्मी, शुद्ध, भगवान, कुकर्मियों के पीड़ित ..
बिन मांगे अपनों का रक्षक, जानो गुण-दोष,
स्मरण से नहीं खतरे से बचें, बड़ा या छोटा न
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दुख का दर्द जानो, दूरियों का दर्द जानो।
सर्वेश्वर सर्वात्मा स्वतंत्र दया प्रीतम गिरिधारी, समर्पण
-वत्सल श्रीजी मारे, बड़ी है शपथ आपकी..hindi kavita 2022
मांजी! यात्री! आइए अपने देश का अध्ययन करें!
कई लोगों ने मूल देखा है! बहुत यात्रा की!hindi kavita 2022
स्वपुर जाने का चलन आया है, भूलते रहो भाई!
वापस जाने का रास्ता नहीं खोजना चाहते, ऐसा ही है, समझो,
चलो सो जाते हैं! बाएं या दाएं मत जाओ। मांजी!
बीच में दो-चार लटके हुए बैठे हैं,hindi kavita 2022
इसलिए मुड़ते रहो, उनमें से दो पर
बोझ नहीं पड़ेगा। इसकी गति दिखाओ। मांजी!
माल बहे तो सेठ के नाम से बहो, रोको मत,
खतरा है तो हमसे , अनाज का दांव
कितना अच्छा! वोहोटार के मालिक मत बनो। मांजी!
देखो, दुनिया छोड़कर जाना है, काम संभालना,
दास दया को अच्छा लगता है- हनवा
हमारे अपने घर जाओ, सुजे है हनवा ऐसे! अवध हमारा है!
मेरे मन का फूल प्यासा
हो जाए, यह तुम्हारे शरीर की प्रचुरता का प्यासा हो।
मेरे दिल के तनाव औरhindi kavita 2022
संगीत को बजने दो, इसे अपने दिल के गीतों को गुनगुनाने दो।
मेरे दिल को धड़कने दो, इसे
अपने दिल को धड़कने दो।hindi kavita 2022
मेरी आँखें हर दिन कालिख से भर जाती हैं, और
रात में तुम्हारी आँखों के सपने ढँक जाते हैं।
यदि मेरे हाथ की
रेखाएँ विकृत हों, तो तेरी हथेली की रेखाएँ सुलझ जाएँ।
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“कृति” दूर बैठी थी, उसने तुम्हारा इंतजार
कैसे किया, तुम मुझे सपने में देखने कैसे आए?
अगर तुम बादल बन गए हो तो बारिश का नाम क्यों नहीं लेते?
तुम आकाश में क्या घूम रहे हो? जैसे नेता चुनाव में संघर्ष करता है।
क्या आपको एहसास भी है कि आपकी आंखों में आंसू आ गए हैं?
नहीं तो मानसून इतना महंगा नहीं होगा, मुझे लगता है कि बीच में एक दलाल है।
भगवान भी कान पकड़कर और कुछ न कहकर राष्ट्रपति के समान हो गए हैं।
काले रंग का डबैंग सूट पहनकर आप संसद में सोने आए हैं!
प्यासे खेत में जाओ और उसे सूंघने को कहो।
आप उत्तर में एक रेडा मंत्री की तरह नहीं दिखते।hindi kavita 2022
मैं हाथ से फूलों के झरनों को लेकर, एक तरह की ओस लेकर,
सूरज का एक शब्द लेकर आपसे मिलना चाहता हूं!
मैं तुमसे मिलना चाहता हूँ शाम के ‘हाश’ से, टिमटिमाती रोशनी के साथ,
खाली सपनों के साथ।hindi kavita 2022
तुम भूल गए हो, जब हम कागज पर खींचते थे,
पानी बहता था, और नाव तैरती थी;
उस स्थिर नाव को तैरने के लिए, उसे हिलाने के लिए,
एक बूंदा बांदी के साथ आपसे मिलने के लिए मैं आपसे मिलना चाहता हूं।
मैं तुम्हें खोजते-खोजते थक गया हूँ, मैं पका हुआ हूँ, मैं
रौंदा और फैला हुआ हूँ;
जहाँ तुम फँसे हो, जहाँ फटे हो,
तमाम रास्तों और रास्तों की सारी थकान लेकर तुमसे मिलना चाहता हूँ ।
कभी ‘मैं’ को जाने दो, भीतरी दीवारों को तोड़ो,
बंद कोठरी को खोलो, एक बार ‘हां’ कहो;
यदि आप ‘हां’ कहते हैं, तो मैं आपसे कुछ झाड़-झंखाड़
और हाथ में तारलिया का एक जगमगाता उपहार लेकर मिलना चाहता हूं।
हम सभी ने दुल्हन होने का नाटक किया!
जो भूतों को जगाते हैं!hindi kavita 2022
जहां मौत ने मुर्दे को कब्र में भेज दिया होगा,
हम उस कान में अपना जादू उड़ाएंगे!
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दुनिया में जो हुआ वह शून्य है, यहाँ यह शामिल है!
हम वो हैं जो खाक भरी मुट्ठी से तृप्त हो जाते हैं!
ज़ख्म कहाँ होते हैं हम मरहम देते हैं, प्यार के
सारे दर्द, वो सब जो परेशान हैं!hindi kavita 2022
हम सभी विज्ञापन लिख देते हैं,
कोई उन्हें नहीं पढ़ता: जिन्हें परवाह नहीं है!
गराज जो इश्कबाजी, हमसे पूछ कर आओ,
वे सभी हमेशा खाली हाथ होते हैं!
जहां प्रतिस्पर्धा दुनिया के दखल तक नहीं पहुंचती, वहां
धरती और आसमान के गोले उड़ाने वाले!
चाहे वह कितना भी बेचैन हो सिर घुमाए, हम
चैन से चैन से सोएंगे!hindi kavita 2022
खुशी
बेवफाई से नहीं होती, हम डरते हैं,
हम जानते हैं, हम आनंद लेते हैं,
जो चिंताओं को दूर फेंक देते हैं!hindi kavita 2022
जो लोग चोट से डरते हैं, उन्हें बिना चोट के चोट लगती है;
हम घाव खाते हैं, कई विश्वासियों!
शिक्षक बनने आए तो
यहां शिष्य बनेंगे, मुर्शिद बने तो हम चेले बनेंगे!
आँसुओं को आँसुओं से मिला दो; हम तुम्हें चाबी देंगे;
फिर खंजर दे; गिनती करने वाले नहीं!
एक दिन बीता, फिर लाखों गए,
सिर के बाल भी आ गए!
ऊर का सूखा कम हो जाएगा,
लेकिन वह फिर कहाँ मिलेगा? 1
दिन और रात हमेशा रहो!
यह इतना आसान क्यों है?
हम एक साथ रोएंगे, हम पीएंगे, हम मरेंगे, हम
मालिक को खुश करेंगे! 2hindi kavita 2022
क्या कुछ बचा है? हरि! एक नौका लो!
आँखे मत सुखाओ,
पर उस दिल को मत भूलना,
याद रह जाए तो लाख ग़मों से बेहतर! 3
– ‘कालापी’ सुरसिंहजी तख्तसिंहजी गोहिल
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कार्यालय में, कोई लेखा कोड नहीं है।
विश्व-काजी बनकर, पत्नी का दर्द सहो!hindi kavita 2022
दुनिया के चश्मे से असली चीज़ दिखाई नहीं देती।
नसर या नाथारा की संगति में रहें!
शांत रहो, रहो, सुख महान है,
संसार के सारे हथकंडे दूर हो जाओ!hindi kavita 2022
अरे! कयामत धीमी है, चाहो तो दूर रहती है,
जब चाहो भागती नहीं आती, आस्था से नहीं रहती!
कवि राजा बन गया है, – तुम्हें क्या पीड़ा है?
निजानंद हमेशा * ‘बाल’-मस्ती का आनंद लें!
वे बंद खिड़की के सामने बैठे थे,
या वे अजीब तरीके से बैठे थे।
एक कारण था जो कभी हल नहीं हो सका।
वे दरवाजे पर बैठे थे , यह सोचकर
कि कभी पत्थर गाएंगे , नजारा देखकर उनके मुंह में पानी आ जाएगा।
कोक
मृदु स्वर में बैठा गीत गा रहा था, रंग भीग रहा था।
जैसे-जैसे दुनिया में गर्मी फैलती गई,hindi kavita 2022
हम पास बैठे,
शब्द के उच्चारण पर बैठी हवा के होठों पर खामोशी छा जाती है।
जीवन गोल-गोल घूमता रहा,
हर दिन यह थोड़ा बेहतर होता गया।
मिट्टी
का क्लीवर पुराना था, टपक रहा था।
टोक टोक टोक पडे टकोरन,
निभाड़े ताप्ती तोवती आए।
रोज नए को चावल देते-देते मैं थक जाता
था।
मोह के जाले बुन रहे थे, जाल
रोज बुनते जा रहे थे।
पिंडदान का पैनत्र,
गोल-गोल बुना हुआ था।
मैं मिट्टी हूँ और मिट्टी बन जाऊँगा।
जीवन बीच में आ गया।hindi kavita 2022
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पंछी चहचहा उठा है भाई ! सूरज ने धरती को चूमा,
शाम का समीर झाड़ू लेकर घूमता रहा
वेनेवन घूम गया।hindi kavita 2022
बड को पता था खुले प्यार का मतलब,
मेरी लज्जा की पकड़ ने अंधेरी रात को तनाव में डाल दिया
सर्पिल तनावपूर्ण।
एक धुँधली खुली खिड़की की तरह एक जलता हुआ दीपक,
नीरखे आभा की उत्सुक निगाहें दिग्नारी की ओर दौड़ीं
ऐसा डिग्नरी।
ताली बजाओ, टिड्डे का मज़ाक उड़ाओ, तुम सीटी बजाओ,
तमाशा देखने के लिए अगिया दीया लेकर घर-घर गई
डोर टू डोर फिर से।
रात की नींद ने खाई खोल दी,
अभिलाष की सोनल है ने झाडू ली और उंडेल दी
तुरंत डाला।hindi kavita 2022